जगजननी
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डोली पर होके सवार,
लेकर खुशियां अपार।
जगजननी सबके द्वार
नवरात्र में आ रही।।
साहित्यिक गतिविधियों को देखिए , टच कीजिये
मां के शुभ चरण,
पड़ेंगे घर आंगन।
भक्ति में सराबोर मन,
चहुँ ओर भक्ति छा रही।।
दशहरा का शोर है,
खुशियां चहुंओर है।
असत्य पर सत्य का जोर है,
हवा भी रामायण गा रही।।
हर तरफ उमंग है,
त्यौहारी रंग है।
माता रानी संग है
घर घर मस्ती छा रही।।
सुषमा सिंह
औरंगाबाद
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