नववर्ष
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नया साल

साल बदला दिन बदला ना
बदली लोगो की सोच नये
जमाने में लेकर बैठे हे
पुराने खयालात कहीं लोग

साल बदलता रहता हे
रिश्ते नाते नये जुडाता हे
पिछली यादें भूलकर नये
साल में शामिल होता हे
Read your life

इस साल तो तु अपना
बरताव बदल ये इंसान
ना दिखा किसीको निचा
तु भी गर्व ना इतना दिखा

नये साल में तेरा अपना न
तुझसे रूठें जीने दे उसे भी
अपनी जिंदगी तु न कर आड़े
मुठे

हर नया साल कुछ ना
कुछ तूफान संग लाया
खबर न हुई किसीको
कैसे उसे भगाया

लेखीका -कविता चव्हाण,
जलगांव, महाराष्ट्र

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