नववर्ष
World of writers
नया साल
साल बदला दिन बदला ना
बदली लोगो की सोच नये
जमाने में लेकर बैठे हे
पुराने खयालात कहीं लोग
साल बदलता रहता हे
रिश्ते नाते नये जुडाता हे
पिछली यादें भूलकर नये
साल में शामिल होता हे
Read your life
इस साल तो तु अपना
बरताव बदल ये इंसान
ना दिखा किसीको निचा
तु भी गर्व ना इतना दिखा
नये साल में तेरा अपना न
तुझसे रूठें जीने दे उसे भी
अपनी जिंदगी तु न कर आड़े
मुठे
हर नया साल कुछ ना
कुछ तूफान संग लाया
खबर न हुई किसीको
कैसे उसे भगाया
लेखीका -कविता चव्हाण,
जलगांव, महाराष्ट्र
Khup chaan
Wahhh
Superb
Superb
अप्रतिम लिहिलं आहे 👌👌👌
Beautiful poem
nice
The words are expressed so beautifully that when we read each and every lines its inner meaning comes from deep inside our heart.
Beautiful