*मधुमास बन जाती है*
*अरे नेक नियत हो तो चट्टानों पर फूल खिला सकते हो”
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यादें साझा करने से ही यादें एहसास बन जाती है
हसीन जिंदगी फिर ऐसे ही क्यों उदास बन जाती है।
बिछड़ा साथी गर याद आए तो याद कर लिया कीजिए
क्योंकि हर याद किसी के लिए खास बन जाती है।
सब कुछ हारना जिंदगी मे मगर उम्मीद मत हारना
ये उम्मीद हारे तो सब हारे जिंदगी फिर निरास बन जाती है।
हौसला अफ़जाई करना तो नेक इंसान का काम है
यह हौसला अफ़जाई भी किसी के लिए आस बन जाती है।
अरे नेक नियत हो तो चट्टानों पर फूल खिला सकते हो
मेहनत की ताकत से ही यह खिजा भी मधुमास बन जाती है।
रह भी नहीं पाएंगे कभी तुम इन यादों को भुलाकर देख लेना
यही यादें ही जिंदगी के अंधेरों मे प्रकाश बन जाती है।
यादों के सहारे ही तो जिंदगी भी चलती है यारो।
यादें अगर ना हो तो यह जिंदगी बकवास बन जाती है।
*उनको भी जलन होने लगी*
“अब तो सूखी मिट्टी में दफन हो गई यादे तेरी”
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आजकल बहुत उदास है कोई तेरे चले जाने से
हो सके तो लौट कर आ ही जा तू किसी बहाने से।
लाख खफा सही मगर एक बार आकर तो देख
अरे कोई टूट सा गया है तेरे बिछड़ जाने से।
अब तो सूखी मिट्टी में दफन हो गई यादें तेरी
लाख मनाया भी मगर तू नहीं मानी हमारे मनाने से।
जुदाई और ये तनहाई में जीना मुहाल हो गया हमारा।
क्या तुमको मजा आ रहा है आज कल मुझे सताने से
तू पास में थी तो तेरी नफरत से भी प्यार था हमको।
मोहब्बत आज कल की नहीं मोहब्बत है ये कई जमाने से।
दिल ही तो है मानने को अभी भी तैयार नहीं होता
ये बेचारा भी थक गया भूल नहीं पाया तुझे भुलाने से।
लोग भी इल्जाम देने लगे हैं हमारी इस मोहब्बत को
उनको भी जलन होने लगी मोहब्बत के फसाने से।
*प्यार मे वो जादू है*
“करो प्यार किसी से तो कुर्बानियों पर भी नजर रखना यारो”
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बादलों की ओट से हमने चांद निकलते देखा है
आईने के सामने उनको खुलकर संवरते देखा है।
जो अपने ऊंचे सपनों पर नाज करते थे अब तक
रेत की मानिंद ही हमने उन सपनों को बिखरते देखा है।
करो किसी से प्यार तो कुर्बानियों पर भी नजर रखना यारो
हमने कई प्यार भरे रिश्तो को जहां मे ही दरकते देखा है।
प्यार किया है जिंदगी में उसको निभाना भी सीख लो।
खुमारी गर उतर जाए तो आशिकों को बहकते देखा है।
प्यार करना ही जिंदगी है प्यार तो सभी करते है दुनिया मे
प्यार में अगर वफा मिल जाए तो जिंदगी को महकते देखा है।
बेपनाह प्यार करने वालों का आशियाना गुलशन बन जाता है
ऐसे आशियाने के आंगन मे हमने ये गुलो को खिलते देखा।
प्यार मे वो जादू है प्यार करने वालों ने ही इसे देखा है
प्यार के इस जादू से बिगड़े इंसान को भी सुधरते देखा है।
*आंखो से अभी तक उजाला न गया*
“खिलौना समझ कर वो दिल तोड़कर जब चलते बने”
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दर्द ए दिल को मेरी ये कलम से शब्दों मे ढाला न गया
गम के निकले इन अश्कों को आंखों से निकाला न गया।
उसने दिल को दर्द दिया ही इसलिए यारों क्योंकि
उससे मेरे ये इश्क का इजहार संभाला न गया।
वफा है या बेवफाई है हमने भी समझने में जल्दी की है
वक्त रहते उसके इस दिल को खंगाला न गया।
नियत उसके प्यार की आंखों में पढ़ नहीं पाए हम
जब किया उसने प्यार का इजहार हमसे भी टाला न गया।
खिलौना समझ कर वो दिल तोड़ कर जब चलते बने
इस नाजुक दिल को फर्श पर हमसे भी उछाला न गया।
हमने तो आबे हयात समझा था उसके इश्क को यारो
मगर ये जहर निकला दिल की आंच से उबाला न गया।
इश्क में इंसान अंधा होता है हमने भी ये सुना है यारो
मगर ये दिले मजबूर की आंखों से अभी तक उजाला न गया।
*जहाज का पंछी*
मैं इस जहाज का पंछी हूं मेरा दूजा कोई ठौर नही
धरती पर जो सुकून मिलता है वो कहीं और नहीं।
भूख नामुराद जहाज पर लाई है मेरा तो ठिकाना और था
जो गुजर गया वो गुजर गया फिर आएगा ऐसा दौर नहीं।
परिवार कहां और मैं कहां उस परिवार के लिए तड़पता हूं
सहा नहीं जाता मुझसे अब तो जालिम लहरों का शोर नहीं
जो इस जहाज पर मिल जाता है उससे भूख मिटाता हूं
आंखों के आगे अंधेरा है दिखाई दे ऐसी कोई भोर नहीं।
उम्मीद लगाए रहता हूं मै कब धरती का साहिल मिल जाए
बीत गई सो बीत गई अब करता उसपर मैं गौर नहीं।
नसीब में जो लिखा है वह तो मिलना ही निश्चित है
अपनी किस्मत के आगे चलता किसी का जोर नहीं।
पेट की भूख ने आदमी को क्या से क्या बना डाला
इस भूख का दुनिया में कहीं कोई और न छोर नहीं।
*दाता एक राम*
“जल थल अगन आकाश पवन पर भी श्री राम नाम की सत्ता है”
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दाता एक राम पावन इस मानव जीवन में समाए है
दाता एक राम ने ही हम जैसे सारे इंसान बनाएं हैं।
जल थल अगन आकाश पवन पर भी श्री राम नाम की सत्ता है
राम नाम की इस महिमा ने पानी पर भी पत्थर तेराए है।
राम नाम लेकर ही मानव जब इस धरती पर आता है
दाता एक राम ने धरा पर भक्त रूपी पुष्प खिलाए है
राम नाम लेने से मानव भवसागर भी तर जाता है
राम नाम लेने से सीताराम ने शबरी के भाग्य जगाए है
धरती पर सब लेने वाले देने वाले केवल दाताराम है
राम नाम की शक्ति से भक्तों ने अनजाने पाप भगाए है
राम नाम की महिमा को वाल्मीकि और तुलसी ने गाया है
राम नाम लेने से दाताराम ने दीन दुखियों के दर्द मिटाएं है।
अंत समय पर राम शब्द जिसकी जुबां पर आता है
ऐसे महान भक्तों को दाता राम ने ही तो वैकुंठ पहुंचाए है
*खिलौने की उम्र*
“वर्ना बेरहम वक्त इस उम्र को कभी भी आकर लूट सकता है”
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मजबूत हाथों से भी तो वह कभी भी छूट सकता है
वक्त भी गर साथ ना दे तो यह नसीब भी फूट सकता है।
पानी पर तस्वीर बनाने वालों जरा सोच कर तो देखो
इस खिलौने की उम्र ही क्या है कभी भी टूट सकता है।
कब तलख इसकी हिफाजत करते रहोगे यारों तुम
हिफाजत करके भी आदमी एक न एक दिन लुट सकता है।
इतिहास गवाह है कई सूरमाओ ने यहां किस्मत आजमाई है
मगर यह वक़्त की गर्दिश ही हैं यहां सब कुछ मिट सकता है।
दम अगर दिखाना है तो इन कमजोरो की हिफाजत में दिखाओ
यह दम ही तो हैं जिंदगी में कभी भी घुट सकता है।
चार दिन की ये जिंदगी है इसे नेक काम मे लगालो यारो।
वर्ना बेरहम वक्त उम्र को कभी भी आकर लूट सकता है।
नेक काम करने के लिए ही जहां में रब ने भेजा है हमको
कयामत आने से पहले ही ये आदमी खुद उठ सकता है।
*नायाब तोहफा है*
“पानी की लहरों को पानी से हटाने वालों कुछ तो सोच लिया करो”
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मुझे ही आजमाने में जो वक्त लगाया उसे समझने में लगाया होता
फिर इस बेचारे दिल के अंधेरे में ये रोशन चराग जलाया होता।
अरे मोहब्बत में दिमाग से नहीं दिल से काम लेना पड़ता है
इस जिंदगी मे नफरत का नहीं मोहब्बत का बीज बोया होता।
पानी की लहरों को पानी से हटाने वालों कुछ तो सोच लिया करो
अगर शमा को भी मोहब्बत है तो परवाने को बुला लिया होता।
गम न करो ये जिंदगी चार दिन की है इसे खुशी से जियो यारो
जिंदगी का कर्ज तुम पर है उसे ये जिंदगी को चुका दिया होता।
हम तो हकीकत में जीने वाले हैं ये रिश्तो को शिद्दत से निभाते हैं
हकीकत में जीकर मोहब्बत का रिश्ता निभाया होता।
यही तो जिंदगी है फूलों की हिफाजत तो कांटे ही किया करते है
अगर फूलो को पाना है फिर तो कांटो से दामन बचा लिया होता।
मोहब्बत खुदा का नायाब तोहफा है इस पर फक्र किया करो
नफरत बदी का नाम है इसके सामने सर उठा लिया होता।
*बेजुबान आए*
“अब तो हसीन हसरते हमसे पहले मर चुकी होगी उनकी”
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क्या पता है इस फ़ानी दुनिया में मौत का पैगाम कब आए
अपनी इस गमजदा जिंदगी की आखिरी शाम कब आए।
उनका रास्ता देखते देखतेअब तो शब से सहर हो गई यारो
चलते चलते इस सफर मे थक गया हूं मै जाने कब मुकाम आए।
दिल अगर तोड़ना ही था उसको फिर ये दिल उसने लगाया ही क्यो
दिन के साथ यह दिल डूबने लगा है जाने मौत का फरमान कब आए।
चमन उजड़ने के बाद अब बाहर आई भी तो किस काम की
उजड़े हुए गुलशन मे फिर से खुशी का जाने अरमान कब आए।
अब तक तो ख्वाबों मे हमे हसीन चेहरा दिखाई देता था उनका
आए भी मुरझाया चेहरा लेकर इस चेहरे पर जाने मुस्कान कब आए।
किसी से बेपनाह प्यार किया था क्या ये कभी उसने सोचा होगा
देखना होगा उसके मुरझाए चेहरे पर वो गुमान कब आए।
अब तो हसीन हसरते हमसे पहले ही मर चुकी होगी उनकी
अब तो इंतहा हो गई प्यार की वह आए भी तो तब बेजुबान आए।
*मेरा ईमान लगता है*
“दिल की बात दिल तक पहुंचे तो इसमें बुराई क्या है”
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इंतजार का सफर बड़ा सख्त और वीरान लगता है
खयालों मे अगर उनका अक्स आए तो मेहमान लगता है।
तसव्वुर पर जो छाया है वह जादू भरा चेहरा
ख्वाबों मे गर वह आए तो मझे ये उसका एहसान लगता है।
यह मेरी दीवानगी है या कोई बेकरारी है मेरी
उनका दीदार हो जाए मेरे इस दिल का अरमान लगता है।
मुझे यह डर सताता है कहीं वो मुझसे भी नाराज ना हो जाए
गजल उन पर लिखने से मेरा बेताब दिल बेजुबान लगता है।
जब भी लिखता हूं गजल मेरे दिल को तसल्ली होती है
गजल का किरदार ही मेरी ये ग़ज़ल की शान लगता है।
मत लिख शायरी उन पर पवार वो भी तो हलकान होते होंगे
पढ़कर शायरी मेरी उनका ये चेहरा हैरान लगता है।
दिल की बात दिल तक पहुंचे तो इसमें बुराई क्या है
गजल लिखना शौक भी है मेरा मुझे मेरा ईमान लगता है।
सीताराम पवार
उ मा वि धवली
जिला बड़वानी
मध्य प्रदेश
9630603339