सबकी नजर में

कविता

सबकी नजर में

सबकी नजर में,
मैं हूँ आजकल,
सबको नजर में,
रखा करूँगा।
सबकी नजर…।

नहीं गिराऊँगा,
नजर से तुमको,
नहीं किसी की,
नजर से गिरूगा।
सबकी नजर में…।

नजरें चुराना,
सीखा नहीं हमने,
सबसे मैं नजरें,
मिलाया करूंगा।
सबकी नजर में…।
क्लिक कीजिएप्यार करके लोग

नहीं भूलूंगा कभी,
नजर से तुमको,
ताउम्र नजर में,
मैं रखा करूँगा।
सबकी नजर में…।
——0—–
अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27

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