राष्ट्रीय गजल/शायरी
आजादी है,आजादी का उत्सव मनायेंगे ।
पछहत्तरवां बर्ष का,ये महोत्सव मनायेंगे ।।
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आजादी का अमृत का,नाम दे दिया गया ।
फहरा के ध्वज, तिरंगा , राष्ट्रगान गायेंगे ।।
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घर-घर में खुशी होगी,झंडा के लहर की ।
जब नागरिक घरों में, ये झण्डा फहरायेंगे ।।
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होली-दीवाली ईद ,समझ लीजे महा पर्व ।
मिल करके सभी पर्व को,दिल से मनायेंगे ।।
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इस देश के विकास का, संकल्प लेके हम ।
विकास की मिल-जुल के, ये गंगा बहायेंगे ।।
भक्ति गीत : सावन का दूसरा सोमवार
_इति__
रचनाकार–लखन कछवाहा’स्नेही’
मंडला,मध्यप्रदेश