*💐💐💐आया नूतन वर्ष💐💐💐*
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भला मनाए कोई कैसे,
दुखद समय में हर्ष।
गया नहीं कोरोना जग से,
आया नूतन वर्ष।
लाखों लोग हुए हैं पीड़ित,
लाखों गए सिधार।
लाखों कारोबार हुए ठप,
लाखों हैं बेकार।
अवरोधित हो गया धरा पर,
सभी ओर उत्कर्ष।
गया नहीं कोरोना जग से,
आया नूतन वर्ष।
वैक्सीन की खोज हो रही,
विविध चल रहे शोध।
मास्क और नियम पालन का,
सबसे है अनुरोध।
महारोग से विश्व कर रहा,
अविरल है संघर्ष।
गया नहीं कोरोना जग से,
आया नूतन वर्ष।
कैसे प्रेषित करें बधाई,
कैसे हो सुखगान।
तन-मन दोनों मलिन हुए हैं,
खड़े कई व्यवधान।
कोरोना से हुआ जगत में,
कहाँ नहीं अपकर्ष।
गया नहीं कोरोना जग से,
आया नूतनवर्ष।
*-रशीद अहमद शेख़ ‘रशीद’*
👌👌 बहुत खूब आदरणीय रशीद अहमद शेख जी 👍💐💐
सादर हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ , आदरणीय
सुन्दर रचना रशीद भाई, सही है करोना नहीं जा पाया है अभी तक और नववर्ष आ गया।💐💐
Aprateem, bohot sunder rachna.
👌👌