*अभिनंदन नव वर्ष*
इस वर्ष का नए वर्ष में गमन हो रहा है,
इस निशा का नई उषा में उन्नयन हो रहा है।
पल का नए पल में प्रतिपलन हो रहा है,
फिर नए प्रभात का आगमन हो रहा है।
कुंठा, निराशा, ईश्या का दमन हो रहा है,
नए वादो इरादो का चमन हो रहा है।
इच्छाओं, आकांक्षाओ का पुनः सुनयन हो रहा है,
भावनाओ, विचारो का प्रथम आचमन हो रहा है।
बैर भाव,द्वेष,भ्रष्टाचार का पतन हो रहा है,
हर ज़र्रे को आफताब बनाने का जतन हो रहा है।
नयी आशा नए विश्वास का आगमन हो रहा है,
नयी दिशा, नयी उषा का नमन हो रहा है।
*माधवी गणवीर*
डोंगरगांव,जिला – राजनांदगांव
छ.गढ़.