ऐ जिंदगी तुझको सुशी सक्सेना की रचना

ऐ जिंदगी तुझको

(Kawita/shayari)

ए जिंदगी तुझको, मनाने हम कहां जाएं।
तेरे चेहरे की खुशी वापिस लाने हम कहां जाएं।

कहीं कट न जाए ये रात, तेरी जिद के आगे,
सुबह फिर, चांद को बुलाने हम कहां जाएं।

साज है न सुर, दिल में तड़पते अल्फ़ाज़ हैं,
जज्बात अपने दिल के सुनाने हम कहां जाएं।

क्या करें कि अश्कों से, लबालब ये आंखें हैं,
पैमाने ये अश्कों के छलकाने हम कहां जाएं।

कहते हैं कि कह देने से, ग़म कम हो जाते हैं,
कोई बताए अपना दर्द घटाने हम कहां जाएं।
कुछ भाव पूर्ण भक्ति रचनाएं लखन जी द्वारा
सुशी सक्सेना, इंदौर, मध्यप्रदेश

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