अरुण दिव्यांश की रचना बाल दीपावली

बालगीत

शीर्षकः दीपावली

आओ हम सब दीप जलाएँ ,
भारत माँ को दीप सजाएँ ।
जगमग जगमग दीप जला ,
ईर्ष्या द्वेष हम दूर भगाएँ ।।
बिना चाँद के चाँदनी छिटके ,
मधुर मधुर रौशनी ये टिमके ।
अंतर्मन के ये दीप जगा लो ,
शक्ति बनो नीबोरी नीम के ।।
दीप जला हम दीप सजाएँ ,
उससे पहले मनदीप जगाएँ ।
जाति पाँति मन से मिटाकर ,
दूर भगाएँ ये मन की बलाएँ ।।
आई है आज शुभ दीपावली ,
रंग जाएँ खुशियों के रंग में ।
माँ धनलक्ष्मी व ज्ञानदेव होंगे ,
ऋद्धि सिद्धि शुभ लाभ संग में ।।
आओ इनकी पूजन भी कर लें ,
कृपापात्र हम आज बन जाएँ ।
ज्ञान बुद्धि धन हर्ष भी बरसेंगे ,
पतितों को हम ऊपर उठाएँ ।।

अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार ।

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