डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश-भजन कृपा करो माँ

एक भजन:
कृपा करो, कृपा करो, कृपा करो माँ.
कृपा करो, कृपा करो, कृपा करो माँ।
मेरे माथे निज प्रीति हाथ धरो माँ।।

सीधे-साधे भोलेनाथ ध्यान हैं लगाते,
राम के चरण निज शीश हैं झुकाते,
आपसे ही अपनी सुनाएंगे हे माता ,
और किसी को न आसपास देख पाता।
विनती है तन मन पीर हरो मां ।।
कृपा करो ,कृपा करो ,कृपा करो माँ।।१

आप ही हो शैलपुत्री आप ब्रह्मचारिणी ,
चन्द्रघण्टा आप माता सर्व क्लेश हारिणी,
भूख प्यास से है हुआ मन मेरा पागल।
सुन लो पुकार याद करें यह पल पल ।
कुष्मांडा मां बेटे का उदर भरो माँ।।
कृपा करो, कृपा करो ,कृपा करो माँ।।२

स्कंदमाता असुरों का कुल है सताता,
कभी साधना का दीप फूँक से बुझाता,
आपका सुवन तो समर्थ नहीं दिखता है ,
विवश हो आपको ही दीन है बुलाता ।
कात्यायनी सुत का उपकार करो माँ।।
कृपा करो ,कृपा करो, कृपा करो मां।।३

कालरात्रि बनके मिटाओ दानव दल को,
छिन्न-भिन्न करो माता असुरों के छल को,
महागौरी माता ज्ञान की करूं मैं याचना ,
बुद्धि न विवेक माई हाथ मेरा थामना।
सिद्धिदात्री मैया ,साधना सँवारो माँ।।
कृपा करो ,कृपा करो ,कृपा करो माँ।।४

सुनता हूं सारा जग आपके आधीन है,
ऐसी मां के रहते यह बेटा कैसे दीन है,
बाधाओं को मेटो, माता प्यार बरसाओ,
धनधान्य मुक्तहस्त घर भर जाओ ।
टेरता शैलेश न विलंब करो माँ।।
कृपा करो कृपा करो कृपा करो माँ।।५
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डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश वाराणसी

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