भारत माता की जय
भारत की मिट्टी की शान,
भारत माँ के पूत महान।
रक्षक इसके तीन सिपाही,
सैनिक, शिक्षक और किसान।।
सबसे ऊपर केसरिया है,
बल पौरुष की अमर निशानी।
देश की रक्षा खातिर कैसे,
अपनी जान दिये बलिदानी।।
जान गँवाकर के वीरों ने,
शान तिरंगे की रख ली है।
माता की इज्जत की खातिर,
जीवन की क़ुर्बानी दी है।।
मध्य भाग जो श्वेत रंग है,
सत्य शांति का मार्ग दिखाता।
क्षमा, दया औ प्रेम की भाषा,
शिक्षक बनके हमें सिखाता।।
हरा रंग का मतलब है की,
हरियाली सबके घर आए।
अमन चैन हो सबके हिस्से,
और ख़ुशी सबको मिल पाए।।
और चक्र की चौबीस तिलियाँ,
चलते रहना सिखलाती है।
दिवस निशा में चौबीस घंटे,
होते हैं यह बतलाती है।।
तीन रंग से बने तिरंगे,
का आओ गुनगान करें हम।
शीश झुकाकर प्रेम भाव से,
झंडे का सम्मान करें हम।।
देश हुआ आज़ाद हमारा
— हिमांशु चक्रपाणि
वार्तासूत्र:-6206556320