दस्तक दे रहा नूतन वर्ष-पुष्पा पालीवाल

नव वर्ष उत्सव

काव्य प्रतयोगिता

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दस्तक दे रहा नूतन वर्ष,
कर्म क्षेत्र का आकलन करें ।
बीत गया का कर चिंतन,
नूतन का अभिनंदन करें ।।

हंस बनकर चुगले साथी,
समय समय के मोती को।
समय रेत की फिसलन है,
चुकेगा पछताएगा।।Read your life

लक्ष्य तेरा मंजिल ही है तो,
गति पावों को देनी है।
थक कर राही बैठ गया तो,
तू पीछे रह जाएगा।।
तिनका तिनका जुड़ता है
तब नीड खगों का बनता है,
पल पल को यदि जोड़ेगा तो
तू आगे बड़ पाएगा।।

एक एक पल की गांठ बांध ले
ये पल कीमती मोती है।
वक्त समन्दर बहा न ले
जीवन की इस थाती को ।।
। ।।।।।।।पुष्पा पालीवाल कांकरोली राजसमन्द से🙏

16 thoughts on “दस्तक दे रहा नूतन वर्ष-पुष्पा पालीवाल”

  1. अति उत्तम हस्ताक्षर सुन्दर शब्द चयन सार्थक रचना ❤🙏

  2. अति सुन्दर भाव लिए सृजन 👍🌷🙏

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