दोहे में नूतन साल 2022
उत्सव,मस्ती,जश्न में, झूम रहा नव साल।
अभिनन्दन, वंदन करे, पूछें सबके हाल।।
करूँ चाह इस बार में , करो जगत कल्याण।
कोरोना से है मिले , हर जन -मन को त्राण।।
सबका हो मंगल , सुखद , करना तुम नव-साल ।
खुशियों की तारीख से, गढ़ना हर दिन ,काल ।।
ऊर्जा , उमंग नव जगी , उर में नूतन-साल !
बसुधैव कुटुम्बकम् की , दुनिया बने मिसाल ।।
अंजुमनें हों, जश्न की , मचे दुआ की धूम।
बधाइयाँ नववर्ष की , फले सभी को खूब।।
विगत कलेंडर फेंक दो, रखो नए घरबार
खुशियों की तारीखं से , सुखमय हो संसार।।
झाँक रहा नववर्ष में, आगामी-कल, आज।
फलीभूत हों सब सपन , संकल्प करें राज।।
ओला , पाला धुंध से , घिरा नया है साल।
फसल सभी चौपट हुयी , है किसान बेहाल।
रंग लिए नव चाह के, आया है नववर्ष।
रँग मानव को रंग में , लुटा रहा है हर्ष।।
डॉ मंजु गुप्ता
वाशी , नवी मुंबई