फिर मनाऐंगे नव वर्ष
यू तो नव वर्ष हर वर्ष ही आता है
नई खुशियाँ नई सौगात लाता हैं
पर आजकल ज़रा खौफ में रहते हैं
कुछ घबराऐ कुछ सोच में रहते हैं
वो खामोशी का मंजर याद आता है
वो दहशत भरा माहोल याद आता है
सब कुछ जैसे थम सा गया था कभी
फिर नई सुबह का आसार हो गया अभी
हम इस वर्ष फिर नया जश्न मनाएंगे
पिछली बातों को सभीअब भूल जायेंगे
फिर नई उमंग होगी नई चाहत बनाऐंगे
नव वर्ष की खुशी *राजन*फिर मनाऐंगे
विनोद ढींगरा* राजन*
196 सेक्टर 22 एन. आई. टी.
फरीदाबाद हरियाणा
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