तुम्हारा हमे मीठा ख्याल सोने नही देता
करवटें कितनी बदले हमें सोने नही देता
पलकों बैठा रहता है नाही आँखे बंध
होने देता नाही हमें पलक झपकाने देता
दिनमें दफ्तर का काम और रातों को होठ
जपे तेरा जो नाम जो हमे सोने नही देता
इश्क किया था या बेवफाई पता नही क्या
कसूर था मेरा जो हमें तू सोने नही देता
दोनों एक से उपर आसमानी चाँद और
नीचे हमारी जान जो हमें सोने नही देता
*नीक राजपूत*
9898693535