नववर्ष की बेला आई-गीता देवी

*नववर्ष की बेला आई रे*

खुशियों की रौनक छाई रे।
नववर्ष की बेला आई रे।।

शुभकामनाओं की लगी अब झड़ी।
संदेशों की घंटी अब सुनाई पड़ी।।
मुबारकबाद का सिलसिला जारी है।
फिर आशीशों की आई बारी है।।
खुश रहो की दुआ पाई रे ।
नववर्ष की बेला…………………

नए वर्ष में कोई भूखा न रहे।
पेट की क्षुधा को कोई न सहे।।
सबके जीवन खुशियों का हो डेरा
भारतवासी पाएँ एक नया सवेरा।।
दिल की दुआ जुबां पर आई रे।
नववर्ष की बेला…………………

सदा स्वस्थ और रहे निरोगी।
स्वच्छता भी हमें अपनानी होगी।।
महामारी को अब आने नहीं देना।
मेरे साथियों टूट पड़ो बन सेना।।
वैक्सीन सभी ने लगवाई रे ।
नववर्ष की बेला………………

खुशियों की रौनक छाई रे ।
नववर्ष की बेला आई रे।।

गीता देवी
औरैया उत्तर प्रदेश

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