नव वर्ष आ गया-आशा जाकड

नया वर्ष आ गया अब गीत खुशी के गाएंँ

नया वर्ष आ गया अब गीत खुशी के गाए ,
दुख का तमस भुलाकर स्वर्णिम दीप जलाएँ।

नये कार्य हो ,नई उमंग हो और नई हो ताकत,
नए रास्ते, नई मंजिले करना सभी का स्वागत।
दुख के अंगारों पर चलकर सुख के फूल खिलाएँ।
नव वर्ष आ गया अब गीत खुशी के गाएँ।

नया सूर्य हो ,नया गगन हो और नई हो अभिलाषा,
जग के हर कोने में पहुँचे हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा।
नये स्वप्न पूर्ण करने, हौसलों के पंख लगाएं ,
नव वर्ष आ गया , अब गीत खुशी के गाएँ।

गत वर्ष की कसक भूलो, नव वर्ष की खनक सुनो,
स्वागत करें नववर्ष का नई ऊर्जा से अभिनंदन करो।
संकल्पों के पंख लगा कर नई चेतना लाएँ,
नव.वर्ष आ गया ,अब गीत खुशी के गाएँ।

जीवन कितना क्षणिक है , कोरोना ने सिखाया ,
नफरत को दूर भगाकर , प्रेम का पाठ पढाया।
मानवता के फूल खिलाकर, कटुता दूर भगाएँ,
नया वर्ष आ गया अब. गीत खुशी के गाएँ।

कोरोना -पीड़ा गई नहीं, ओमोक्रोन -अंधियारी छाई, वैक्सीन अवश्य लगवाना,और सावधानी रखो भाई।
निराशा दूर भगाकर हम आशा के फूल खिलाएँ,
नया वर्ष आ गया अब गीत खुशी के गाएँ।

आशा जाकड़
9754969496

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