नव वर्ष-काव्य प्रतियोगिता
शीर्षक–“नववर्ष लाये खुशियां अपार”l
लेकर नई उम्मीदें हम सब कर रहे
आने वाले नये साल का इंतज़ार
नव वर्ष में हैं दिन कुछ बाकी
पर देखो अभी से नव वर्ष की लालिमा छाई
खुशियों की सौगात लिये हर घर
पर दे रहा दस्तक नया साल
देख़ो इस पावन धरती पर
फिर से हरियाली छाई देखो भाई
मिले सभी क़ो उनकी हर वो.खुशी
जिन्होंने पिछले दो सालों में
न जाने कितना कष्ट झेला
न जाने कितनों ने अपनोँ को खोया
नव वर्ष केआते आते उन सब के
दूखदर्द दूर कर हे ऊपर वाले
नया साल इस बार इस तरह आये
कि हर गरीब लाचार भी सुख संपदा
से रहे भरपूर
कोई भूखा प्यासा न सोये
हर कोई सुख चैन की रोटी खाये
देश के नेताओं से भी यही अपील
हर मजदूर और किसान रोजगार मिले
पढे लिखे बेरोजगार बेचारे भटक रहे
उनके लिये भी रोजगार का इतंजाम करें
उन सभी को मिले खुशियां अपार
बढे, अपनत्व,प्रेम और भाईचारा
दे रहा दस्तक नया साल देख़ो
अपनी पावन धरती पर फूल खिलेहै
चारोँ ओर। उड़ते पक्षी फूलोँ पर
मंडराते भंँवरे व तितलियां कितनी प्यारी
आओ इस नववर्ष को सब मिलकर
बच्चे बूढे और जवान सब मिलकर
एक हो जाये और नये सालको स्वर्णिम
बनायें।
स्वरचित मौलिक
कविता मोटवानी बिलासपुर (छग)