मुक्तक
World of writers
दिन बदले हफ्ते बदले
बदल गए है महीने
अलविदा हो रहा दो हजार इक्कीस का साल ।
पूरे साल हमको कितना बुरा वक्त दिखलाया
सबक मिला तब प्रकृति का राज समझ मे आया ।
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नए साल का आवो मिलजुल करे स्वागत हम
नया कोई अरमान सजाए भूल के सारे गम
भूले जो हुई हमसे इस जाने वाले साल में
ले शपथ न दोहराएँगे भूल के इस साल में ।
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हालातो से लड़ते लड़ते मिटी कइयों की जिंदगानी
कोरोना ने बदली हर देश के इतिहास की कहानी
कितनो ने अपनो को खोया कितनो की लूट गई दुनियाँ
अबके बरस कहर न बरसे सुनो अरदास मौरी मैया ।
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कसम उठाले प्रकृति से अब कोई छेड़ छाड़ न करेंगे
कटने न देंगे जँगल हम मिल प्राणों के रक्षक बनेंगे
अब न विनाश को दावत देंगे अत्याचार न सहेंगे
अपनी मात्र भूमि को हम यूँ ही तबाह न होने देंगे ।
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नशा मुक्त भारत होगा फिर सुँदर जहाँ से प्यारा
मेहनत कश युवा बनेगा फिरेगा न मारा- मारा
पैरो पर खड़े होकर हमे चाँद को छुके दिखाना है
नए साल में सपनो से सुँदर अपना हिंदुस्ता बनाना है ।
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कई सदियों के बाद अवध में फिर से राम विराजेंगे
भारत वासी दिप जला जय जय सिया राम कह नाचेंगे
नई रौशनी नई उमंगे फिर नया सवर्ण सवेरा आयेगा
होगा दानवो का नाश धरा पर राम नाम गुजायेगा ।
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कविता
नाचो गाओ धूम मचाओ नए साल में नया राग गाओ
जीवन को हर्षित करे जो ऐसा कोई गीत बनाओ
छोड़ व्यर्थ नशीली चीजें अमृत रस का पान करो
माता पिता की आज्ञा मानो राम मरियादा का भान करो
पाश्चात्य सभ्यता को छोड़ स्वदेश से प्रेम करो
देवो की संतान हो तुम दानवों सा न किसी से व्यवहार करो
आओ नया साल मनाए नए जोश के साथ
स्वागत करो दो हजार बाइस का लेकर राम का नाम ।
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Happy New Year 2022
World of writers
शोभा सोनी बड़वानी म,प्र,
Very nice👍👏😊
💐 अप्रितम सिटीजन 👌👌💐💐
–राजकुमार छापड़िया