नववर्ष
है नूतन वर्ष है अभिनन्दन
हम करते हैं तेरा वंदन,।
बीते वर्षों कि टीस बहुत हुई,
अब ना हो कोई कृंदन,।
नई उमंगे नई आशाएं साथ,
लेकर तुम अपने आना।
हर्षोउल्लास से सभी के मन को
तुम खुशीयो से मोह जाना ।
बीते वर्षों मे महामारी से बेहाल,
संपूर्ण विश्व जो हुआ,
अब नवीन इरादों से फिर भर देना
सबके जीवन में रंग नया ।
उम्मीदों से भरा फिर खुशियाँ लिये
अब ये नववर्ष आये,
भूले हम सब पुरानी बातो के जख्म,
नये इरादों से आगे बढ़ते जाये।
मुबारक हो सबको ये नया साल,
ढेरों खुशी मिले यादे बेमिसाल।
हर खुशी आये अब आपके द्वार
उत्साह उमंग से हो जाये तैयार ।
*जनार्दन शर्मा* (आशुकवि लेख़क हास्य व्यंग्य)
अध्यक्ष मनपसंद कला साहित्य मंच इंदौर