मेरा साँवरा सलौना बस आज आ रहा है

गीत

मेरा साँवरा सलौना बस आज आ रहा है ।
कैसा सुहाना मौसम मेरे मन को भा रहा है ।।

नक्षत्र राशि ग्रह सब शुभ शुभ ही दिख रहे है ।
ज्योतिष खगोल में सब मंगल ही दिख रहे ।।
भादो की रात अष्टम बादल बरस रहा है ।………………१

यह रोहिणी गगन में है चंद्र कुल की रानी ।
कारागृह कंस का है पर न कोई परेशानी ।।
करें प्रार्थना अमर सब अब दुख जा रहा है ।………………२

संसार है सरकता बस सार श्याम तुम हो ।
देवों के एक सहारा घनश्याम एक तुम हो ।।
छाई है दिव्य ज्योति शुभालोक आ रहा है ।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,३

वृष राशि में रमण है रजनीश रात आधी ।
बुधवार का वदन खुश मिट जाए ए व्याधी ।।
बज रहे है दिव्य बाजे गंधर्व गा रहा है ।………………………..४

वसुदेव देवकी के नयनों के है जो तारे ।
मक्खन कहे हमारे बस मात्र यह सहारे ।।
ये तेरी कृपा से तेरे गुणगान गा रहा है । …………………….५

मेरी यह रचना स्वरचित मौलिक व अप्रकाशित है ।
राजेश तिवारी मक्खन
झांसी उ प्र

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