कुछ भाव पूर्ण भक्ति रचनाएं लखन जी द्वारा

संकंल्प-गजल

रक्षक है वसुधा जिंदगी की,प्यार करेंगे ।
पौधे लगा के वसुधा का, सिंगार करेंगे ।।
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आये हैं इस जहां में, लेके देह इन्सां की ।
जिससे जहां का हो भला,शुभकार करेंगे ।।
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आत्माऐं एक हैं, सभी की देह अलग है ।
सब जीवों से गुरु जैसे ही, व्यौहार करेंगे ।।
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शोभायमान होगी , ये मानवता जहां में ।
मानव भी प्राकृति पे ,जब उपकार करेंगे ।।
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प्राकृति में सभी देह के, निर्माण तत्व हैं ।
‘स्नेही’ की तरह, सभी स्वीकार करेंगे ।।

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तुलसी के राम,तुलसी पे उपकार कर गए ।
तुलसी,कृपा से राम की शुभ कार कर गए ।।1
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रचना किये सद्-ग्रन्थ, श्री राम चरित्र की ।
भव-सिन्धु से असंख्य जीव,पार कर गए ।।2
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जिसने सुना चरित्र, वह भी धन्य हो गया ।
वक्ता भी अपने-आप का, उद्धार कर गए ।।3
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श्री राम-कथा जग में,नौका काम कर रही ।
तुलसी बना के नौका,नेक कार्य कर गए ।।4
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न होता हिन्दी का विकास,भूल जाते हम ।
महा काव्य लिखे तुलसी,चमत्कार कर गए ।।5
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‘स्नेही’ भी श्री राम-कुश के, वंश के ही हैं ।
श्री राम की कृपा से, सृजन कार्य कर गए ।।6

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टेक-महादेव-भोला,महादेव-भोला
भगत-घर आये ।


पद- महादेव भोला की,आसन सजी है ।
चन्दन पीढ़ा जमाये ।
महादेव भोला-2…….
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पद-महादेव संग गिरिजा विराजीं ।
सब सिंगार चढ़ाये ।
महादेव भोला-2…….
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पद-फुलवा,बेल-पाती की छतरी ।
भगत फुलेरा बंधाये ।
महादेव भोला-2……..
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पद-तीजा-व्रत धारण कर बहना ।
शिव जगराता कराये ।
महादेव भोला-2…….
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पद-मन वांछित फल दानी भोला ।
जो ध्याये सो पाये ।
महादेव भोला-2…….=

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रचनाकार–लखन कछवाहा’स्नेही’
मंडला,म.प्र.

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