नव वर्ष-मालिनी त्रिवेदी पाठक

*नव वर्ष*
🪔🌹🪔🌹🪔🌹
🌹जय स्वामीनारायण🌹
नूतन वर्षाभिनंदन
🪔 🌹🪔

करें स्वागत नव वर्ष, नव प्रभात का,
करें सत्कार नई रीति नई बात का।

नव सुधा, नव लय, नव रस,
नव रंग के विचारों से रंगे हुए सब।
हो वर्ष नव उमंग, नव तरंग नव सौगात का।

विमल हृदय में कमल कली सी कोमलता,
बहा करे प्रेम, करुणा और ममता।
दूर हो राग, द्वेष, नफ़रतें,
वर्ष हो सद्भाव का।

एकता की ज्योत से,
हो जगमग मानव सारे,
विशाल गगन में जैसे
टिमटिमाते स्वर्णिम तारे।
वर्ष हो जन-जन के साथ का।

चारों दिशाओं के खुले द्वार,
लेलो-लेलो प्रकृति के उपहार।
कुदरत के मन कहां भेद
जात-पात का?
करें स्वागत नव वर्ष नव प्रभात का।

मालिनी त्रिवेदी पाठक
वडोदरा

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