आ रहा है नव वर्ष
स्वागत हो रहा चारों ओर इसका सहर्ष ।
नव वर्ष का जश्न मनाने को सब हो रहे आतुर ,
पिछले सारे गिले शिकवे , दुख दर्द हो
रहे सब दूर दूर ।
नयी उमँग है ,नयी तरँग है , आओ कुछ नया इतिहास लिखें ।
जाति पाती और उँच नीच का ना करें हम भेदभाव ,
मिलजुलकर स़ँकल्प करे हम सब में बाँटेंगे प्रेमभाव ।
असहाय की करें सहाय , दुख उनके हलके हो जाय ।
आशा की नयी ज्योति जागे , निराशा की काली छाया भागे ।
नव वर्ष का जुनून सब पे है छाया , क्या बच्चे और क्या बूढे़ इसने सबके मन को है बहकाया ।
गम के सारे बादल भागे , नव वर्ष की खुशियों के आगे ।
प्यार बढा़ता सबके मन में , नव वर्ष लाता खुशियाँ जीवन में ।
आओ सब मिल नव वर्ष मनायें , देश समाज की सेवा कर के घर घर में खुशियाँ फैलायें ।
मनोरमा चौहान
इँदौर मध्यप्रदेश ।