मेरा मन
कविता
तू ही मेरी जिंदगी का अभिलाष हो,
तू ही मेरे जीवन की हर सांस हो।।
तेरे चेहरे को जब मायूस देखता हूं,
जब भी तुझे परेशान देखता हूं।।
मन मेरा परेशान हो जाता है,
मेरा हर ख्वाब छिन जाता है।।
तू कभी मेरा साथ मत छोड़ना,
मुझसे कभी अपना मुंह मत मोड़ना।।
चाहा है जिसे वह तुम ही हो,
माना है जिसे अपना वह तुम ही हो।।
मेरी इस जिंदगी से जाना नहीं कभी,
तेरे सिवा किसी को माना नहीं कभी।।
तू रूठ गई तो जिंदगी में भूचाल होगा,
इस जग से मेरा, बंद बोलचाल होगा।।
जब भी तुझे देखता हूं मन प्रफुल्लित हो जाता है,
सुबह,शाम रात दिन तेरा चेहरा ही नजर आता है।।
क्लिक कर देखें बीबी मुझसे नाराज है
मत छोड़ना मुझे प्यार की राह में लाकर,
मुझे मत भूलना कभी भी जाकर।।
तेरे सिवा कोई नहीं मेरा इस जहां में,
जहां रहोगी तुम रहूंगा वहां वहां मैं।।
तुझसे प्यार है मुझे बांटना मत,
कोई गलती हो गई गर तो, मुझे डांटना मत।।
तू ख्वाब है मेरा, प्यार मेरा है,
यह मेरा तन जिंदगी मुझ पर उधार तेरा है।।
स्वरचित रचना
प्रभात राजपूत”राज”गोंण्डवी
गोंडा, उत्तर प्रदेश