strong>नव – वर्ष
उत्साह की बेला उमड़ रही,
प्रतिपल घट रहा कुछ नया,
बीत रहा हर क्षण कर रहा है!
नववर्ष आगमन का इंतजार
खुशियों का मेला सज रहा
यह देख मन प्रफुल्लित हो रहा । ।
बीते इस वर्ष में हमने बिताई
न जाने घड़ियां गिन गिन कर
कोई तो आके कहे हमसे ये
अब कोई न संकट और रहा
कितने ही घर मिट गए पूरे
कितनो का सब कुछ खो गया ।।
परमेश्वर से हाथ जोड़ कर ,
कर रहे सभी यही प्रार्थना !
नव वर्ष मैं नव निर्माण हो
नवीन हो सभी मैं चेतना ,
महामारी का हो विनाश अब
बस अब न हो कोई भी फना ।।
इस नवीन वर्ष में प्रवेश !
नए अनुभवों की अनुभूति से ,
पूर्ण रूप से हो भरा हुआ ।
फिर उत्साह आगे बढ़ने का
फिर से नया कुछ करने का
जिज्ञासाओं से भरा हुआ ।।
प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
जिला ग्वालियर मध्य प्रदेश