नव वर्ष का नवल प्रभात
आए लेकर खुशियों की बहार
सभी बुराईयों को दूर कर
आओ प्रवेश करे हम नए वर्ष
करती हूँ मै कामना यही
कि इस नव वर्ष न कोई बीमारी हो
और न कोई अबला नारी हो
ना हो मृतू किसी की भूक से तडप के
रन्ग लगाकर प्यार का सभी को
दे निकल दिलो से अपने
इर्ष्या और बैर को
आओ सब मिल स्वागत करे
इस नये वर्ष का
ले ले आज यह प्रण हम कि
पेड़ो को नही काटेंगे
और यदि जाना हो कही
आस-पास तो पैदल हाय चले जायेंगे
ट्राफीक नियम का करके पालन
जीवन अपना सुखमय बनायेंगे
जल की एक – एक बूंदों का महत्त्व सभी को समझायेंगे
नारी की रछा करेंगे
बुजुर्गो का सम्मान करेंगे
बच्चों को स्नेह देंगे
और मानवता का सद्ध्भाव रखेंगे
भारत की सँस्कृति और सभियता को संजोयेंगे।
अनामिका श्रीवास्तव (12वी की छात्रा)
जुग्गौर,चिनहट,लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
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Bhut badhiya
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बहुत ही सुंदर रचना
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Thanku maam
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