नववर्ष कविता
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नये सूर्य की नयी रोशनी,
नये पुष्प की गंध नूतन।
काल अकाल छूटे सब पीछे,
नववर्ष (2022)का हो अभिनंदन। ।
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स्वागत में नववर्ष के (2022)
हम छंद नूतन बान्धते हैं।।
नववर्ष में हो सुरभि नूतन,
गगन में हो नव वृहंग गुन्जन।
हृदय में नव भाव नूतन,
अधर में हो गान नूतन।
नव भावनाएं व्यक्त करने ,
कंठ नूतन मान्गते हैं।।
स्वागत में नववर्ष के
हम छंद नूतन बान्धते हैं।।
करेंगे अनुपम श्रृंगार धरा का,
होगा उल्लास निर्मल जलधि का।
मन है पुलकित नववर्ष आगमन से ,
करेंगे स्वागत मुग्ध मन से। ।
वर्ष 2022 को हम ,
पर्व पावन मानते हैं। ।
स्वागत में नववर्ष के हम
छंद नूतन बान्धते हैं,
छंद नूतन बान्धते हैं।।
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सुश्री कुमुद लाड ,
रायपुर छत्तीसगढ़
मोबाइल नंबर –9009536654