नववर्ष की उमंग
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सभी के मन में नववर्ष की उमंग,
खुशियां ही खुशियां सभी के संग।
नववर्ष में हमखुशी के गीत गाएं,
सरल भाव सभी को मीत बनाएं।
तेरा मेरा भाव जड़ सेहम मिटाएं,
सदाचार, स्वच्छता हम अपनाएं।
शुभ हो नववर्ष का प्रथम प्रभात,
नववर्ष लाएं नवअनुपम सौगात।
नववर्ष में नव हो हमारी पहल,
जिंदगी हो सभी कीसहज सरल।
संकल्प हमारा नहीं बुरा हम करें,
राम जी सभी के दुखों को हरे।
कृष्णा कहें नव वर्ष उमंग से भरा,
स्वच्छ सुंदर हरी भरी हो यह धरा।
सुख ही सुख नववर्ष का हो आरंभ,
नववर्ष को शुभ काज से करें प्रारंभ।
*डाॅ. कृष्णा जोशी*
*इन्दौर मध्यप्रदेश।*
Excellent
Beautiful
Very nice
बहुत सुंदर रचना 🙏
सृजन की निरंतरता
नई उमंग, नई ऊर्जा
नया फलक… प्रशस्त
हो…!
Very nice 👌
Lovely poem di❤❤
Be