नव वर्ष उत्सव
*शीर्षक-नया सवेरा लाना है*
वर्ष नया उल्लास नयी
नया सवेरा लाना है
बीते वर्ष का दुःख बिसराकर
हर्षोउल्लास मनाना है!
नये वर्ष के भारत में
कुछ ऐसा रंग जमाना है
दुनियां को बस पीछे छोड़
आगे कदम बढ़ाना है!
भारत कि उन्नति हो ऐसा
ये संकल्प जुटाना है
लोक ,प्रथा,जनमानस संग मिल
प्रेम का अलख जगाना है!
अपने निज कर्तब्यों पर
पैनी नजर गड़ाना है
कोई आंखे दुःखी ना नम हो
अस्रु सुधा पी जाना है!
भूत भविष्य, आज कल हो कैसा
इस पर ना सोच दिखाना है
समय के साथ कदम मिला कर
कदमताल सिखलाना है!
कौन मिटेगा कौन रहेगा
इस पर ज्ञान जुटाना है
जो भी मिल जाये इस वर्ष
उसको गले लगाना है !
उन्ही बीते वर्षो जैसा ही
ये वर्ष भी फिर ना आएगा
तो फिर कुछ ऐसा कर दो जो
ये वर्ष ना भूला जाएगा !
सुनीता गोंड
वाराणसी उत्तर प्रदेश