*नया प्रभात*
आओ बच्चों नूतन वर्ष का हम स्वागत करें।
हर्ष, उल्लास ,उमंग से नए भारत का आगाज़ करें।।
2021 के कुछ खट्टे मीठे से अनुभव है हम सबके।
2022 के पर्दापण पर, नई आशा की किरण जगमग हो मन में हम सबके ।।
जातं – पातं का कोई भेद ना हो, वसुंधरा कुटुंबकम की भावना हो जनमानस में।
अमीरी – गरीबी की दीवार न
हो ,प्यार की बरसात हो सबके जीवन में।।
नूतन वर्ष की स्वर्णिम बेला पर शुभकामनाएं दें ,संकल्प है करते।
आतंक का न हो साया जग में, परिवार,समाज ,देश के उत्थान का प्रण है करते।।
रामायण, गीता, कुरान का वाचन हो घर-घर में।
भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर नाज हो हर हिंदुस्तानी की मन में।।
प्रेम शांति की वया है वहती, ऐसी है मेरी भारत की धरती।
वीर सपूतों की है जननी, खुशियां नदियां बन कल – कल कर है वहती।।
चाह यही है हम सब की,
कामना पूर्ण हो जन – जन की।।
दुखों के ना हो हम सब जीवन में छाया ,
सबके घर में हो सुख, समृद्धि की माया।।
धरती – आकाश में गूंजे यह नारा।
भारत देश है सोने की चिड़ियां।
इसके जैसा कोई नहीं दूजा।।
🌷विभा जैन( ओज्स)🌷