*नया साल ये आया है*
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दीप जले हैं घर – आँगन में
परचम भी लहराया है ।
खुशियों की सौगात मिली है
नया साल ये आया है ।।
नए वर्ष में वृक्ष लगाएं
धरती का श्रंगार करें ,
रंग – बिरंगे इंद्रधनुषी
सपनों को साकार करें ।
चहुंओर है लहर हर्ष की
सबके दिलों पर छाया है ।
खुशियों की सौगात……।।
नाच रहे हैं मोर – पपीहा
जब कोयल गीत सुनाती है ,
चमक रहे हैं भाल कृषक के
फसलें खेतों में लहराती है ।
मस्त पवन में झूमें फसलें
मानो यौवन भी इठलाया है ।
खुशियों की सौगात…..।।
गत वर्ष में हुई गलतियां
नहीं हमें दोहराना है ,
नई उमंग हो , नई तरंग हो
नया जोश भी लाना है ।
मंथन – चिंतन करना सबको
क्या खोया – क्या पाया है ।
खुशियों की सौगात…..।।
पथ में कांटे लाख अगर हो
नहीं जीवन में घबराना हैं ,
हार मिले या जीत मिले
हमें फिर भी गले लगाना है ।
नहीं रूकेगा आज क़दम ये
जो आगे क़दम बढ़ाया है ।
खुशियों की सौगात …..।।
नफ़रत की जो आग लगी है
उसको आज बुझाना है ,
मानवता का दीप – दिलों में
मिलकर आज जलाना है ।
नहीं बुझेगा दीप – दिलों का
जो तुमने आज जलाया हैं ।
खुशियों की सौगात …. ।।
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भेरूसिंह चौहान “तरंग”
४,रोहिदास मार्ग, झाबुआ
ज़िला – झाबुआ (मध्य प्रदेश)
पिन : ४५७६६१
मो. नंबर : ७७७३८६९८५८
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