नया साल आने को है,
सब ने जश्न की तैयारी कर ली है
चलो ना अबकी कुछ नया नया सा करते हैं
जो जरा सहमें सहमें से हैं, उनमें नयी उर्जा भरते हैं
पिछला जो साल बड़ा नागवार गुजरा है
कितनो को रूलाता, तड़पाता गुजरा है
इस साल में उनको हम फिर हंसने के बहाने देते हैं
वो हो सकें फिर से खड़े, उनका हम सहारा बनते हैं।
कॉफी हाउस में कॉफी पीने की बजाये
नुक्कड़ की चाय यारों संग चखते हैं
पैकेट मे भरे चिप्स और मिठाई की जगह
पड़ोस की आँटी से देसी घी के लड्डू लेते हैं
जल सके उनके घर का भी चूल्हा
कुछ ऐसे लोगों से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं
जा सके उनके बच्चे भी स्कूल कालेज
कुछ ऐसे लोगों को की कमाई का कुछ जुगाड़ करते हैं
पिछला जो साल बड़ा नागवार गुजरा है
चलो ना अबकी कुछ नया नया सा करते हैं
तुम्हारे पास जो आय और व्यय का साधन है
जो अकेले हैं, उनका हाथ थाम रास्ता दिखा रोशनी फैलाते हैं
ये धरती जो गई थी बिफर हमसे,अपना गुस्सा जताया है
उसे ज़रा मनाते हैं, नये पौधे,बाग बगीचे ,जंगल नये लगाते हैं
पिछला जो साल बड़ा नागवार गुजरा है
चलो ना अबकी कुछ नया नया सा करते हैं।
माना आसान नहीं होगा, मुश्किलें बहुत आयेंगी
पर एक दूजे का हाथ थाम,नया सवेरा लाते हैं
टुटा, बिखरा, उजड़ा सा लग रहा हैं, धरती का आंगन
इसमें नयी उर्जा भर हम सुनहरा कल फिर लाते हैं
नये साल का नया सवेरा नया जोश भर देगा सब मे
चलो हम सब साथ मिलकर नये सफर पर मंजिल तक चलते हैं
पिछला जो साल बड़ा नागवार गुजरा है
चलो ना अबकी कुछ नया नया सा करते हैं।
संध्या मिश्रा