युवाओ होश में आओ- नशा से बच के रहना है – लखन

Lakhan

नशा मुक्ति गीत वतर्ज–बहारो फूल वर्षाओ, मेरा महबूब आया है ।। ********* युवाओ होश में आओ,नशा से बच के रहना है । नशा मृत्यु का गहना है । बचा अनमोल ये जीवन,दीर्घायु जग में रहना है । नशा मृत्यु का गहना है ।।टेक —– गांजा,दारु-तम्बाकू, नशीली वस्तु सेवन से । असर मस्तिष्क में होगा, खुशी … Read more

मैं रहा पीछे मगर आगे ज़माना रह गया

*🌷⚘🥀🌹ग़ज़ल🌹🥀⚘🌷* बोझ हिस्से में मिरे सर पर उठाना रह गया मैं रहा पीछे मगर आगे ज़माना रह गया थे बुलंदी पर सितारे तो ज़माना साथ था मुफलिसी आई तो बस नजरें चुराना रह गया अब बुजुर्गों की दुआएँ कौन लेता है यहाँ सब गए शादी में घर बूढ़ा पुराना रह गया दिल में उसके आरज़ू … Read more

लखन कछवाहा स्नेही की गजल पढ़िए

Lakhan

// ग़ज़ल // —————- धुन- तुम तो ठहरे परदेशी,साथ क्या निभाओगे,……। —-०—–०—- ज्ञान रूपी गहनों से,बच्चों को सजाना है । ज्ञान दीप से ज़ीवन,इनका जगमगाना है ।। —– बगियां-ए-इन्सां सुमन, की बहार हैं बच्चे । ज्ञान रूपी खुशबू से, बगियां महकाना है ।। —– भोले हैं निष्कपट हैं, निष्पाप हैं बच्चे । निर्मलता बच्चों की, … Read more

दशहरा पर अरविंद अकेला की कविता

कविता अपने दिल में छिपे रावण को मारो दुराचारी रावण को जलाते हैं सभी , दशहरा में हर बार, पर नहीं जलाते हैं कभी, अपने अंदर का अहंकार। दुराचारी रावण को जलाते हैं…। जलाते हैं सभी मेधनाथ को, पर नहीं जलाते हैं उसके दुर्विचार, जलाते सभी कुम्भकर्ण को यहाँ, पर नहीं जलाते अपने दुर्व्यवहार। दुराचारी … Read more

दशहरा राम विजय त्यौहार-आरती तिवारी सनत

दशहरा राम विजय त्यौहार दशहरा राम विजय त्यौहार… अधर्म पर धर्म की विजय.. विजयादशमी का पावन त्यौहार.. दशानन का संहार कर राम विजय.. अश्विन मास दशमी तिथि राम.. बुराई का अंत समाज स्वच्छ हो.. अपनी मर्यादा में रहने की सीख.. जब अमर्यादित हुआ रावण.. विवेक ज्ञान भय सब शून्य .. कुल का अन्त बचा ना … Read more

गीत श्री राम वनवास

प्रभु, श्री राम वनवास ( सुआ गीत ) :::::::::::::::::::: सूनी लागे अवध राजधानी, सुआ हो । सूनी लगे रानी वास, न रे सुआ हो -सूनी लगे रानी वास ।। सूनी नगरिया,नगर के वासी, सुआ हो । राम गए वनवास, न रे सुआ हो-राम गए वनवास ।। —- बसे ननिहाल में भरत शत्रुघ्न, सुआ हो । … Read more

डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश-भजन कृपा करो माँ

एक भजन: कृपा करो, कृपा करो, कृपा करो माँ. कृपा करो, कृपा करो, कृपा करो माँ। मेरे माथे निज प्रीति हाथ धरो माँ।। सीधे-साधे भोलेनाथ ध्यान हैं लगाते, राम के चरण निज शीश हैं झुकाते, आपसे ही अपनी सुनाएंगे हे माता , और किसी को न आसपास देख पाता। विनती है तन मन पीर हरो … Read more

रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर विशेष

परम आदरणीय कवि रामधारी सिंह ‘ दिनकर ‘ जी को उनकी जयन्ती के अवसर पर सहृदय सादर कोटिशः नमन है तथा उनकी अतीव कृपा हम सब पर बरसती रहे यही हमारी उनसे कामना है । कलियुग में रामरूप धारण कर , इस भारतीय जब धरा पर आए । हर्षित पुलकित तब यह धरा थी , … Read more