भाई-बहिन
राखी का त्यौहार
भाई-बहिन के प्यार ने, इतिहास रच दिया ।
राखी के इस त्यौहार ने,इतिहास रच दिया ।।
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बन जायें दूरी दिल में, हटा देती है राखी ।
राखी के इस त्यौहार ने,इतिहास रच दिया ।।
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बहना का बांधा धागा,भाई की कलाई में ।
रक्षा के इस सिंगार ने, इतिहास रच दिया ।।
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पा के दुआऐं बहिन की,भाई भी खुश हुए ।
भाई के दिये उपहार ने,इतिहास रच दिया ।।
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सदियों की यह रस्म,निभाते खुशी से हम ।
वेदों के कुछ उद्गार ने, इतिहास रच दिया ।।
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‘स्नेही’ प्रतीक प्रेम का, बंधन ये अमर है । ।
इस पर्व के शुभकार ने, इतिहास रच दिया ।।
कुछ भाव पूर्ण भक्ति रचनाएं लखन जी द्वारा
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सृजनकार-लखन कछवाहा ‘स्नेही’