नव वर्ष-रानी नारंग

             
   नव वर्ष

अजीब सी कशमकश में बीता यह साल
आया कोरोना, बन के, सबके जी का जंजाल,
बहुत नुकसान सबका कर गया यह साल
जहाँ दुःख तकलीफों ने डाला था घेरा, वहीं,
कुछ अच्छा अच्छा भी समझा गया यह साल।

आने वाला साल आशाओं से भरा हो,
सबके चेहरे पर हो इक प्यारी मुस्कान
नई उमंगों नई तरंगों के साथ, सब,
अपने जज्बातों को दे इक नई उड़ान
सबके दिल में प्रीत की ज्योति जले,
इक दूजे के लिए हो दिल में सम्मान
रिश्तों की डोर जो नज़र आए टूटती,
थाम लें हाथ बढ़ाकर ना आने दे गठान

जिंदगी जो मिली है बड़ी अनमोल है,
प्रभु के चरणों में भी ध्यान है जोड़ना
भोजन जरूरी है, जिससे शरीरिक विकास हो,
आत्मा की खुराक़, प्रभु संग रिश्ता जोड़ना
प्रभु नाम सुखदायक फलदायक है,
थाम लेना कसकर उसका दामन ना छोड़ना
हर राह पर संग संग चलेगा,
देगा हरदम वह साथ,
किसी ना किसी ज़रिए अहसास अपना करायेगा
जो मन को इक आत्मिक सुख दे जायेगा,
प्रभु के गुणों को ‘रानी’ जो जीवन में अपनाएगा

सबके लिए खुशियों से भरा आए नववर्ष,
कोरोना को विदाई दे जाए यह वर्ष
आर्थिक, समाजिक जो परेशानियां हैं आई,
इन सब से सबको मुक्ति दिलाए यह वर्ष
हर चेहरे पर इक रौनक सी छा जाए,
खुशियाँ ही खुशियाँ सबके लिए लाए यह वर्ष ।

                               रानी नारंग

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