शीर्षक “नववर्ष हर मास हो”
नव बंसत का हो स्वागत,
हर ओर पल्वित हो जीवन!
मधुमास सदा मधुरस सा हो”
नववर्ष नया इतिहास बने!!
हर दिन सूर्य ललिमा हो”
सबका सुखमय जीवन हो!
हर रोज निनाद शंख ध्वनि का,
ऐसा पावनमय संगम हो!
सुदंर कोंपल तरू नवांकुर”
फूलों से भरी सब डाली हो!
रजनीगंधा, गुलाब, गेदा ,
गोदी प्रकृति की सारी हो!!
चंहुदिश धरा अठखेलियाँ ले,
सुदंर बंसत की भोर रहे!
पुष्पित हो, कोना मन का,
सबका उल्लासित जीवन हो!!
ये भोर कभी न छूटे ”
जिसकी खुशियाँ हर पग पर हो!
हर नवजीवन खुशहाल रहे,
बस यही प्रार्थना है मन की!!
श्रीमती रीमा ठाकुर वरिष्ठ लेखिका ”
(सहित्य संपादक)
राणापुर झाबुआ मध्यप्रदेश भारत