सनातन नव वर्ष है हर नववर्ष से न्यारा
सनातन नव वर्ष है न्यारा – न्यारा,
जग के हर नव वर्ष से प्यारा- प्यारा।
पचांग प्रथम है जो जग का,
उद्गम है जो सृष्टि का ।
नक्षत्रो को यह समझाए ,
ग्रहों की यह दिशा दशा बतलाए,
27 दिनों का माह जहाँ, 7 दिनों का है सप्ताह,
हिन्दू पंचांग है अद्भुत सच वाह – वाह ।
ब्रह्मा जी की हुई उत्पत्ती ,
रचना की इस नवीन सृष्टि की,
प्रकृति करे नया श्रृंगार जिस दिन ,
फूल खिले ना-ना प्रकार के जिस दिन,
वर्ष का सबसे प्यारा दिन ,
सनातन नव वर्ष है सबसे न्यारा दिन ।
लग्न , तीज और हर त्यौहार ,
हिन्दू पर्व गणना का एक ही आधार,
ऋषियों ने की व्याख्या जिसकी,
मुनियो ने गाई ,ग्रंथो ,श्लोको में गाथा जिसकी,
मंगल गाए , आनन्द लाए , आओ सभी मिलकर ,
अपना सच्चा नव वर्ष मनाए ,
महापर्व पर महायज्ञ कराए इसमे कोरोना की “आहुति” संग आहुति दे जाए,,,,
आओ मिलकर नववर्ष मनाए,
अपनी संस्कृति को फिर अपनाए ,
माथे पर कुमकुम चन्दन का तिलक लगाए,
हम धूम धाम से इसे मनाए मिश्री संग हम नीम भी चख आए ।
मेरे श्री कृष्ण का प्यारा,
सनातन नव वर्ष जग से न्यारा,
जग से न्यारा।
प्रिया चारण #आहुति
गढ़वाड़ा मावली उदयपुर (313001 )राजस्थान
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