*🌺नव संवत्सर मनाते है🌺*
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आओ हिन्दू नव संवत्सर का स्वागत करें,
हमारी सनातनी परम्परा की और वापसी करें,
घर में सभी लोग भगवान की आराधना करें
सूर्य की पहली किरण के साथ शुरुआत करें ।
नव पिढ़ी को इस हेतु तैयार करें,
उन्हें हमारी धर्म संस्कृति से अवगत करें,
अच्छे ठंग से उनको संस्कारित करें,
ताकि वे सनातनी पद्दति को स्वीकार करें ।
हमारी नवपीढ़ी को यह बताना है , उन्हें समझाना है,
ब्रम्हाजी ने आज के दिन श्रष्टि की रचना की थी,
राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत्सर प्रारम्भ किया था,
राम भगवान ,राजा युधिष्टिर का राज्याभिषेक हुआ था,
मत्स्य अवतार तो भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था,
राजा बाली का वध तो आर्य समाज की स्थापना हुई थी,पारसी नवरोज तो गुरु अंगद देव का जन्म हुआ था,
ये सब बताना है , नव वर्ष पारंपरिक रूप से मनाना है,।
यह वसंत ऋतु होती है, प्रकृति में सुंदरता छा जाती है,
चैत्र नवरात्र भी होती है,गर्मी की शुरुआत होती है,
खेतो में फ़सल आती है,लोगो में खुशहाली छाती है।
घर घर भगवा फहराते है,वंदन वार भी लगाते है,
शक्ति पर्व के रूप में भी मनाते है,
सनातनी धर्म को निभाते है,
चलो नव वर्ष का स्वागत करते है,
हिन्दू नवस्मवत्सर २०७८ मनाते है ।
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*संजय कुमार मालवी (आदर्श)*
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Very nice.
Bahut hi sahi n sunder 👌👌
सुंदर रचना
Very nice
बहुत-बहुत सुंदर रचना
Very nice