इस नये साल में
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गुनगुनाते रहें इस नये साल में, सुर मिलाते रहें इस नये साल में।
हर ख़ुशी जिंदगी की मिले आपको, मुस्कुराते रहें इस नये साल में।
याद मुझको भी करने की ज़हमत करें, याद आते रहें इस नये साल में।
जो मिले हमनशीं मेरे जैसा कोई, आजमाते रहें इस नये साल में।
आप भी आइये घर हमारे कभी, आते जाते रहें इस नये साल में।
हाथ ही तो मिलाना हुआ है मना, दिल मिलाते रहें इस नये साल में।
चुप न बैठे रहें देख गुस्ताखियाँ, सच बताते रहें इस नये साल में।
जो अदा कोई अच्छी किसी की लगे तो जताते रहें इस नये साल में।
हो ज़रूरत किसी को किसी मोड़ पे , काम आते रहें इस नये साल में।
शुक्रिया मुझ पे अपना ये चश्म-ए-करम यूँ बनाते रहें इस नये साल में।
संजीव प्रभाकर, गाँधीनगर, गुजरात
9082136889