श्री महालक्ष्मी
श्री महा लक्ष्मी तुम्हें प्रणाम ।
जय क्षीरसिन्धु में तेरा धाम ।।
महामाया श्रीपीठ विराजें ।
पद्म चक्र गदा कर साजें ।।
देवता पूज रहें आठों याम ।……१
पक्षीराज गरुण है वाहन ।
कोलासुर भय अघापाहन।।
तेरा जगत में है बहु नाम ।…….२
सर्वज्ञा वरदा दुष्टभयकारी ।
जय जय दुख दारिद्र हारी ।।
करू सदा मैं तेरा ही काम ।……३
सिद्धि बुद्धि की तुम हो दाता ।
मोक्ष भोग शुभ भक्ति प्रदाता।।
शोभा है तेरी ललित ललाम ।….४
आदि अंत नहीं तेरा माता ।
आदिशक्ति योग विख्याता ।।
श्री नारायणी तुम्हें प्रणाम ।……५
स्थूल सूक्ष्म रूद्र महाशक्ति ।
पाप ताप हरने की शक्ति ।।
दयामयी तुम आनन्दधाम ।……६
पद्मासन परब्रह्म स्वरूपी ।
परमेश्वरी जगमातु सुरूपी ।।
दिव्यांगी शोभित हरि वाम।……७
शुभ्र वस्त्र आभूषण धारें ।
स्व जन पर समृद्धि वारें ।।
सुखशान्तिदा सहस्त्र प्रणाम। ….८
राजेश तिवारी ‘मक्खन’
झांसी उ प्र