ऐसा हो नूतन वर्ष
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खुशियों की राह फूलों से सजाएंगे इस नूतन वर्ष में।
हमारा वन्दन तू भी स्वीकार लेना बड़े ही हर्ष से।।
दिल की चाह है कि सब कुछ मंगल हो इस प्यारे साल में।
बस होठों से हँसी न जाने पाए सब झूमें खुशी की ताल में।।
अमन,भाईचारें,प्रीत की चहुँदिशा बहे ऐसी हवा।
दिलों के जख्मों को भर दे बने तू ऐसी दवा।।
सब बच्चों के चेहरे पर बस खुशी के ही भाव समाए।
पिछले समय के दिए हर घाव की मरहम बन तू आए।।
नववर्ष में सबके दिलों में पवित्र भावना का वास हो।
प्रार्थना यही सबके जीवन में रंजो-गम का नाश हो।।
ए नूतन वर्ष!
बहुत ही सुंदर तेरे आने का आगाज हो।
केवल सुखों का ही इस बार तुझ पर राज हो।।
बहुत उम्मीद व आशा लगाए बैठे हैं तुझ पर अब।
बशर्ते तू बहार बन आना फूल जैसे खिल जाए सब।।
श्रीमती सुशीला देवी
करनाल हरियाणा
गजब लेखन *******सेवन स्टार
आप पर हमेशा सरस्वती की कृपा बनी रहे
वरिष्ठ कवि अशोक गोयल
Nice
Nice 👌👌👌👌
Nice
Bahot sundar rachna hai congratulations
👌👌 बेहतरीन सृजन आदरणीया सुशीला जी 💐👍
–राजकुमार छापड़िया, मुंबई
Beautifully written ❤️
Great