हर घर तिरंगा

आजादी का अमृत महोत्सव शीर्षकः हर घर तिरंगा जाति धर्म सब त्यागकर , भारतीयता हमें दिखाना है । ईर्ष्या बैर भाव सब भूलकर , अनेकता में एकता लाना है ।। मत देखो अनेकता हमारी , हम भारतवासी सारे एक हैं । भले जाति धर्म अनेक किन्तु , इरादे हमारे सदा ही नेक हैं ।। एक … Read more

व्यापारिक पटल

अरुण दिव्यांश व्यापारिक पटल नहीं चाहिए व्यापारिक पटल , बन रहे कविजन उल्लू सीधा । रकम वसूलते भारी भरकम , संग में माँगते कोई भी विधा ।। एक तो दें कवि अपनी रचना , दूजे देते ऊपर से वे भी पैसे । लालच से ग्रसित यह जीवन , सच्चे रिश्ते चल पाएँगे कैसे ।। जपते … Read more

सुनों फलों के राजा इतना क्यों भाव खाते हो

सुनों फलों के राजा सुनों फलों के राजा इतना क्यों भाव खाते हो आम लोगों की जेब से अधिक तुम्हारी कीमत सबके भाग्य में क्यों ना तुम आते हो।। सुनों फलों के राजा इतना क्यों भाव खाते हो।।२।‌ माना स्वादिष्ट बहुत रसीले तुम हमको खूब ललचाते हो साल में इक्का-दुक्का दिन आकर जेब खाली कर … Read more

निर्मल जैन की कविता मेरा गाँव

कविता मेरा गाँव • सबसे न्यारा~ ख़ूबसूरत गाँव सबसे प्यारा • सुरम्य गाँव~ जहाँ मिलती हमें शीतल छाँव • कभी हँसाती~ भूली बिसरी यादें कभी रूलाती • अद्भुत छटा~ अमूल्य धरोहरों से गाँव अटा • शीश झुकाता~ माटी का कण-कण गाथा सुनाता लघुकथा बहू भी बेटी के समान होती है ****************** निर्मल जैन ‘नीर’ ऋषभदेव/उदयपुर … Read more

कविता _मैना हुए परेशान

कविता मैना हुए परेशान बेघर होकर मैना अब हुई परेशान। क्यों खा गए लोग उसका बसेरा बनाने को अपना बड़े बड़े मकान। क्या बेघर हुई मैना का दर्द सही में यह बेदर्द जमाना समझ पायेगा। क्या बेघर हुए मैना का घर कभी फिरसे भला कोई बसा पायेगा। आखिर क्यों उजड़ रहे बने हुए बागान। यही … Read more

सीताराम पवार की सुंदर रचनाएं

सीताराम पवार: *चिराग जरूर जला लेना* जो ये अहम तुमने पाला है उसे थपकिया देकर सुला देना *********** फुर्सत मिले जिंदगी में तो सबसे पहले ये रंजिशें भुला देना | समय मिले जिंदगी में तो किसी एक की बिगड़ी जिंदगी बना देना | सब कुछ मिलता है दुनिया में समय और फुर्सत नहीं मिलते | … Read more

आओ सुनें गाथा वीरों की

आओ सुनें गाथा वीरों की, करें उनका गुणगान, उनसे है यह देश गौरवान्वित, उनसे बना यह देश महान। आओ सुनें गाथा…। वीरों से भरी यह धरती, यश-कीर्ति गा रहा आसमान, है यहाँ की माँ दुर्गा,काली, जिसे जान रहा सारा जहान। आओ सुनें गाथा…। सबसे शूरवीर हमारे श्रीराम थे, जिनका जग में बड़ा है नाम, वे … Read more

अभिलाषा

आदमी भाग रहा बेतहाशा नित नूतन अभिलाषा, आदमी भाग रहा बेतहाशा। आसमां छूने की चाहत, बढ़ रही जीवन प्रत्याशा।। आदमी भाग रहा बेतहाशा नित नूतन अभिलाषा चैन सूकून सब खो रहा, पैसों के पीछे दौड़ रहा। रहा नहीं सहज जीवन, ईर्ष्या क्षोभ में बना दुर्वासा।। आज कल मोहब्बत में पहले सी बात कहां इच्छाओं पर … Read more