अरुण दिव्यांश की रचना बाल दीपावली

बालगीत शीर्षकः दीपावली आओ हम सब दीप जलाएँ , भारत माँ को दीप सजाएँ । जगमग जगमग दीप जला , ईर्ष्या द्वेष हम दूर भगाएँ ।। बिना चाँद के चाँदनी छिटके , मधुर मधुर रौशनी ये टिमके । अंतर्मन के ये दीप जगा लो , शक्ति बनो नीबोरी नीम के ।। दीप जला हम दीप … Read more

लक्ष्मी का आगमन

लक्ष्मी का आगमन शीर्षकः छोटी दिवाली हरि से बोलीं लक्ष्मी माता , सुनिए विनती हे श्रीनाथ । आ रहा है अब दिवस मेरा , भक्तगण कर रहे मेरी गाथ ।। जा रही हूँ अब मैं धरा पर , भक्तों की देखने हेतु भाव । सफाई सुथरे तो खूब होते , आपसी प्रेम होता अभाव ।। … Read more

अरुण दिव्यांश की पांच रचनाएं पढिए

१ निगाहें निगाहें हों निज कदमों पर , कदम डगमगा नहीं सकते । बिन कदमों पे निगाहें डाले , घर भी जगमगा नहीं सकते ।। निगाहें होंगी जब कदमों पे , शीश स्वयं में ही नत होगा । जागेगा मृदुल भाव मन में , निष्ठा प्यार का भी मत होगा ।। शीश स्वयं में तो … Read more

विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ

विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ । निर्धारित यह सतरह सितंबर , विश्वकर्मा पूजन यह तय है । हो रहे हैं सर्वत्र पूजनोत्सव , जहाँ जहाँ विराजित अय हैं ।। चल रही है हर यंत्रों की पूजा , जिनके मालिक हैं विश्वकर्मा । ईश विश्वकर्मा से यही प्रार्थना , पूरी करें प्रभु सबकी अरमा ।। सृष्टि … Read more

मैं भारत माता की बेटी हूँ हिन्दी

राष्ट्रभाषा हिन्दी का गुणगान शीर्षकः अभिलाषा मैं भारत माता की बेटी हूँ , मैं ही राष्ट्रभाषा हिन्दी हूँ । माथे पर होकर विराजित , सुन्दर शोभनीय बिन्दी हूँ ।। तुम भी भारत के बेटे बेटी , फिर क्यों है अपमान मेरा । मै तो माँ भारत की बेटी , क्या नहीं हिन्दुस्तान तेरा ।। भारत … Read more

अरुण दिव्यांश की रचना गणेश वंदन

गणेश वंदन जय गणपति बप्पा , जयविधाता ज्ञानेश । जय हे प्रभु गजानन , कृपा करो हे कृपेश ।। करुणा बरसाने वाले , अब करुणा बरसा दे । अधमों को ज्ञान देकर , उनका मन हरसा दे ।। गंदगी हो जिनके मन , उनके मन पावन कर दे । दूर गंदगी हो जिससे , शीतल … Read more