कविता आंचल
आंचल कविता/शायरी ऐ आंचल तेरी छाया में, पहले पहल जिया जीवन में इकलौती छाया, तुमने हमें दिया यहां विधाता भेजा हमको, दुनिया की दर पर छुप छुप जाता आंचल तुझमें, नहीं लगे तब डर लगता जैसे तूं ही घर,जब मैं जग में आया रही सुरक्षित तुमसे तो, मेरी अपनी काया मां के दुःख के आंसू … Read more