मां उगते हुए सूरज का प्रकाश है किरण विजय पोरवाल उज्जवल

माँ मां तो जननी हे, मां उगते हुए सूरज का प्रकाश है, मां तरूवर की छांव हे, मां तपती हुई धूप में आंचल की छांव हे, मां तो कृष्ण की यशोदा है, मां साक्षात अन्नपूर्णा है, मां शांति और प्रेम का अवतार है, माँ नदियों का किनारा है, मां बच्चों की आह ! हे पुकार … Read more