व्यापारिक पटल

अरुण दिव्यांश व्यापारिक पटल नहीं चाहिए व्यापारिक पटल , बन रहे कविजन उल्लू सीधा । रकम वसूलते भारी भरकम , संग में माँगते कोई भी विधा ।। एक तो दें कवि अपनी रचना , दूजे देते ऊपर से वे भी पैसे । लालच से ग्रसित यह जीवन , सच्चे रिश्ते चल पाएँगे कैसे ।। जपते … Read more

चन्द्रशेखर आजाद

चन्द्रशेखर आजाद! सूरज के जैसा था तेज, जिगर से फौलादी थे। मन में था संकल्प देश का, इन्कलाबी आँधी थे। अंग्रेजों के न हाथ लगे कभी, ऐसे राजदुलारे थे। आजादी की पौध रोपनेवाले, ऐसे चाँद-सितारे थे। वो रुके नहीं,कभी झुके नहीं, ऐसे तो परवाने थे। खून की होली खेलने वाले, ऐसे तो दीवाने थे। हिमालय … Read more