Valentine special poetry

बस आपके लिए
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बदन फूल सा उसका ,
नाजुक नाजुक चाल है ।
गुजरे वह जिस गली से
गली भी माला माल है।।
🌹🥰🌹
खुशबू खुशबू उसकीआंखें ,
होठों पर लाली छाई है।
सारा आलम मस्ती का है,
जबसे नजर वह आई है।।
दुनिया दौड़ती उसे देखने
आ जाती भूचाल है।।
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धीरे से जब पलक उठाती,
पत्थर पानी सा पिघल जाता।
बाल झटकती चेहरे से यूं,
दिन में चांद निकल आता।
इस चांद के आने से तो
सूरज भी बेहाल है।।
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बदन फूल सा उसका ,
नाजुक नाजुक चाल है ।
गुजरे वह जिस गली से
गली भी माला माल है।।
@श्रीराम राय
(श्रीसाहित्य)Palolife.in
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