*यादें,,,,,,🌹*
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वर्ष बदल रहा लगे बदलता हुआ साल।
बीते हुए लम्हों की ये यादें बेमिसाल।।
दूरी दो फुट की मुंँह पर रखों मास्क।
सैनिटाइजर हाथ में रिश्ते रहे कमाल।।
कहर खोफ़ दर्द भरा गुजरा बिता साल।
स्वागत करते हैं अब रखेंगे सब ख्याल।।
परिवार सब एक हुआ रहे अपने याद।
दूरी भले ही रही दिल में न था मलाल।।
साल का आखिरी दिन लेख मेरा ये अंतिम ।
नए वर्ष की भोर सब करेंगे बड़ा धमाल।।
जैसा भी यूंँ बीत गया यह पुराना साल।
कुछ कांँटो कुछ रेशमी सा था मस्त रुमाल।।
लेखन बढ़ा साहित्य रचा रचा नया काज़।
कलम की ताकत ने हल किए कुछ सवाल।।
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*नीलम जैन🌹*
*बाड़मेर राजस्थान*