आजादी महोत्सव

Lakhan

राष्ट्रीय गजल/शायरी

आजादी है,आजादी का उत्सव मनायेंगे ।
पछहत्तरवां बर्ष का,ये महोत्सव मनायेंगे ।।
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आजादी का अमृत का,नाम दे दिया गया ।
फहरा के ध्वज, तिरंगा , राष्ट्रगान गायेंगे ।।
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घर-घर में खुशी होगी,झंडा के लहर की ।
जब नागरिक घरों में, ये झण्डा फहरायेंगे ।।
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होली-दीवाली ईद ,समझ लीजे महा पर्व ।
मिल करके सभी पर्व को,दिल से मनायेंगे ।।
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इस देश के विकास का, संकल्प लेके हम ।
विकास की मिल-जुल के, ये गंगा बहायेंगे ।।

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कविता चांद मुझे बहलाया

चांद मुझे बहलाया काविता आज भी मेरे लिए , आसमां में चांद आया आज फिर देख उदास , मुझे चांद था बहलाया।। अपनी रौशनी से चांद मुझे रोज रौशन करता चांद से अपनापन पाके दिल मेरा था मुस्काया।। जाना , समझा हमने भी अब इस ज़माने को अपने तोड देते जब , तब सहारा बन … Read more

कविता आंचल

आंचल कविता/शायरी ऐ आंचल तेरी छाया में, पहले पहल जिया जीवन में इकलौती छाया, तुमने हमें दिया यहां विधाता भेजा हमको, दुनिया की दर पर छुप छुप जाता आंचल तुझमें, नहीं लगे तब डर लगता जैसे तूं ही घर,जब मैं जग में आया रही सुरक्षित तुमसे तो, मेरी अपनी काया मां के दुःख के आंसू … Read more

दीप प्यार का जलाने चला हूं

दीप प्यार का जलाने चला हूं मुस्कानों के मोती लुटाते दीप प्यार का जलाने चला हूं। खुशियों से भरे दामन मेरा रिश्तो को निभाने चला हूं। दीप प्यार का जलाने चला हूं गीतों की रसधार लिए गीत कोई गुनगुनाने चला हूं। शब्द सुधारस प्यार की कविता कोई बनाने चला हूं। प्रित प्रेम के तराने लेकर … Read more

मां उगते हुए सूरज का प्रकाश है किरण विजय पोरवाल उज्जवल

माँ मां तो जननी हे, मां उगते हुए सूरज का प्रकाश है, मां तरूवर की छांव हे, मां तपती हुई धूप में आंचल की छांव हे, मां तो कृष्ण की यशोदा है, मां साक्षात अन्नपूर्णा है, मां शांति और प्रेम का अवतार है, माँ नदियों का किनारा है, मां बच्चों की आह ! हे पुकार … Read more

मध्य प्रदेश स्थापना दिवस-2022

Lakhan

मध्य प्रदेश स्थापना दिवस-2022 “एकता-दिवस” (कलाम) स्थापना दिवस पे, गीत गा रहे हैं हम । भाईचारा एकता दिवस,मना रहे हैं हम ।। —- संदेश नवम्बर का महिना, दे रहा हमें । विश्वास उन्नति की ओर, जा रहे हैं हम ।। —– अपार वन की सम्पदा,और खनिज हैं । वरदान प्राकृति का यहां, पा रहे हैं … Read more

पन्द्रह दिन दीवाली लखन कछवाहा

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ताजी रचना पन्द्रह दिन दीवाली दीवाली के पर्व की,कहां तक करूं तारीफ । एक खुशी दीपोत्सव, दूजी फसल खरीफ ।। दूजी फसल खरीफ,कृषक में खुशी भारी । हंस-हंस काटें धान, रबी की करते तैयारी ।। रबी फसल फाल्गुन पके, पर्व होला होली । मेला-मढ़ई अहीर नृत्य,पन्द्रह दिन दीवाली ।। ****०**** कवि–लखन कछवाहा ‘स्नेही’ 25-10-2022

अरुण दिव्यांश की रचना बाल दीपावली

बालगीत शीर्षकः दीपावली आओ हम सब दीप जलाएँ , भारत माँ को दीप सजाएँ । जगमग जगमग दीप जला , ईर्ष्या द्वेष हम दूर भगाएँ ।। बिना चाँद के चाँदनी छिटके , मधुर मधुर रौशनी ये टिमके । अंतर्मन के ये दीप जगा लो , शक्ति बनो नीबोरी नीम के ।। दीप जला हम दीप … Read more

लक्ष्मी का आगमन

लक्ष्मी का आगमन शीर्षकः छोटी दिवाली हरि से बोलीं लक्ष्मी माता , सुनिए विनती हे श्रीनाथ । आ रहा है अब दिवस मेरा , भक्तगण कर रहे मेरी गाथ ।। जा रही हूँ अब मैं धरा पर , भक्तों की देखने हेतु भाव । सफाई सुथरे तो खूब होते , आपसी प्रेम होता अभाव ।। … Read more